आह्लादित मन से हम आपका स्वागत इस हर्षानुभूति के साथ करते हैं कि आपने अपने भविष्य एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए इस विद्याभूमि पुण्यभूमि को चुना है। गंगा के इस पावन तट पर आपकी नैसर्गिक प्रतिभा मुखर हो, आपके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करे, यही हमारी शुभकामना है। संस्था का कण-कण आपके संस्कार और ज्ञान की श्रीवृद्धि करे, उत्तम चरित्र - आचरण-आत्मबल आपके स्वाभिमान को सचेष्ट करे, आप महाविद्यालय के साथ ही राष्ट्र के गौरवबिन्दु बनें, ऐसी सुव्यवस्था परिसर में उपलब्ध है और इस हेतु हम निरन्तर तत्पर भी हैं।
प्रारम्भ में (जुलाई, 1972) सात शिक्षकों और सात कर्मचारियों तथा 101 विद्यार्थियों से चलकर आज अपने स्वर्ण जयन्ती वर्ष ( 1972-2022 ) में महाविद्यालय आज 75 शिक्षक / कर्मचारीगण का एक भरा-पूरा परिवार तथा लगभग 4000 के पार पहुँची छात्र संख्या उत्तरोत्तर प्रगति का साक्ष्य है। 21 वीं सदी से सहकार स्थापित रहे इस हेतु समृद्ध कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र एवं दूरस्थ शिक्षा केन्द्र (UPRTOU) से भारी संख्या में शिक्षार्थियों का सहभाग आकर्षण का केन्द्र है।
महाविद्यालय की भौतिक उपलब्धि भी तीव्र प्रगति का साक्षी है। लगभग 8 हेक्टेयर के विस्तृत भू-भाग में अवस्थित महाविद्यालय का प्रशासनिक भवन, चार कक्ष से प्रारम्भ कर 30 व्याख्यान कक्ष, विशाल प्रयोगशाला, हाईटेक कार्यालय एवं पुस्तकालय, अत्याधुनिक संगोष्ठी कक्ष, 100×40 का विराट सभागार, आधुनिक तथा इलेक्ट्रानिक सुविधाओं से सज्जित व्यायामशाला, खेल प्रतिभाओं के मनोनुकूल क्रीड़ा मैदान के साथ ही पेयजल, वाहन स्टैण्ड, वाचनालय, सुसज्जित विभागीय कक्ष एवं दैनिक उपयोग के सहज साधन की उपलब्धता संस्था के प्रगति के महत्वपूर्ण बिन्दु हैं।
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